अर्थ : हिन्दू शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के उपरान्त प्राणी की आत्मा को आवृत्त रखनेवाला शरीर जो पाँचों प्राणों, पाँचों ज्ञानेन्द्रियों, पाँचों सूक्ष्मभूतों, मन, बुद्धि और अहंकार से युक्त होता है परन्तु स्थूल अन्नमय कोश से रहित होता है।
उदाहरण :
सूक्ष्म शरीर तब तक बना रहता है जब तक कि आत्मा का पुनर्जन्म न हो या उसे मोक्ष की प्राप्ति न हो।
पर्यायवाची : अंतःशरीर, अन्तःशरीर, इंद्रियायतन, इन्द्रियायतन, लिंग शरीर, लिंग-शरीर, लिंगशरीर, लिङ्ग शरीर, लिङ्ग-शरीर, लिङ्गशरीर, सूक्ष्म शरीर, सूक्ष्म-शरीर, सूक्ष्मशरीर